हमारे सभी के जीवन मे बहुत से पहलु ऐसे है , जो अपनी मुख्य
भूमिका निभाते है। ये मेरा सोचना है कि उन्हीं में से एक है हार और जीत यानी आज जीवन की धुरी अगर जीत को कहें तो अतिशयोक्ति न होगी। क्योंकि संसार में हर वो बात जो अपनी मुख्य भूमिका में है हमेशा से ही परस्पर जोड़ कर बनाई गई है, यह तो तय है अर्थात कुदरत द्वारा सभी को जोड़े में रखा है जैसे रात-दिन, सुबह-शाम, सूरज-चाँद, अच्छा-बुरा, गोरा-काला और हार-जीत ...... आदि। आज हार-जीत की वजह से ही हर कोई जीत के पीछे भाग रहा है और हर कीमत पर इसे पाना चाहता है, पर सदैव इस बात को ध्यान में रखना चाहिए कि बिना हार का स्वाद चखे जीत का स्वाद भी नही लिया जा सकता। तो आज इसी हार जीत को शब्दों में जो पिरोने का मौका मिला उसे आपके सम्मुख प्रस्तुत कर रहा हूँ। यदि आप सभी को इस रचना को पढ़कर अच्छा लगे तो Comment अवश्य करें और इन शब्दों को शेयर भी करें।
भूमिका निभाते है। ये मेरा सोचना है कि उन्हीं में से एक है हार और जीत यानी आज जीवन की धुरी अगर जीत को कहें तो अतिशयोक्ति न होगी। क्योंकि संसार में हर वो बात जो अपनी मुख्य भूमिका में है हमेशा से ही परस्पर जोड़ कर बनाई गई है, यह तो तय है अर्थात कुदरत द्वारा सभी को जोड़े में रखा है जैसे रात-दिन, सुबह-शाम, सूरज-चाँद, अच्छा-बुरा, गोरा-काला और हार-जीत ...... आदि। आज हार-जीत की वजह से ही हर कोई जीत के पीछे भाग रहा है और हर कीमत पर इसे पाना चाहता है, पर सदैव इस बात को ध्यान में रखना चाहिए कि बिना हार का स्वाद चखे जीत का स्वाद भी नही लिया जा सकता। तो आज इसी हार जीत को शब्दों में जो पिरोने का मौका मिला उसे आपके सम्मुख प्रस्तुत कर रहा हूँ। यदि आप सभी को इस रचना को पढ़कर अच्छा लगे तो Comment अवश्य करें और इन शब्दों को शेयर भी करें।
हार-जीत
जीत उसी की होती है
जो जहांन से हारा हो कभी
प्यास उसी की बुझती है
जो धूप में तपा हो कभी
जीत उसी की होती है
जो जहांन से हारा हो कभी .... 2
रात चाँदनी में तैरा है वही
जो दिन के अंधेरो में भटका हो
मुश्किलें उसका क्या बिगाड़े
जो मुश्किलों में खेला हो
जीत उसी की होती है
जो जहांन से हारा हो कभी .... 2
वह राज़ सभी के छुपाता हो
वह अपने राज़ छुपाये क्या
वह दर्द सभी के छुपाता है
वह अपने दर्द छुपाये क्या
जीत उसी की होती है
जो जहांन से हारा हो कभी .... 2
लगता है डर उसको अपनो से
फिर भी पराये अपने है
जो घाव दिए है अपनो ने
वह घाव भरें हैं परायों ने
जीत उसी की होती है
जो जहांन से हारा हो कभी .... 2
हर मुश्किल का अब हल है यहां
सब जहांन से अब सीख लिया
कोई ऐसा सौदा नही बचा
जिसको हमने ना खरीदा हो
जीत उसी की होती है
जो जहांन से हारा हो कभी .... 2
हार ही एक ऐसा हथियार है जिसके दम पर ही जीत का आनंद लिया जा सकता है और इस संसार मे हार के पाठ को सीखे बिना जीत को हासिल नहीं किया जा सकता।
आज की काव्य रचना पढ़कर आपको कैसा लगा, Comment Box में अवश्य बतायें, ताकि आगे भी आप सभी को इस प्रकार की कृतियां, रचनाएं, लेख .... आदि पढ़ने को मिलते रहें। और Page के सबसे नीचे जाकर Follow का Button अवश्य दबाये। यदि आपको लगता है कि इस प्रकार के लेख सभी तक पहँचे, तो आप इसे आगे भी शेयर करें और उन्हें भी आगे शेयर करने को कहें।
अपनी सोच में सकारात्मकता लाने के लिए हमेशा पढ़ते रहे, एक नई सोच।
Link : -
धन्यवाद 🙏🏻🙏🏻
Wah,bahut badhiya rachna hai
ReplyDeletePrerna mili padhkar har ke peechhe jeet hoti hai 👍👍
Neena Aggarwal
bahot khoob....
ReplyDeleteNice lines
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद......
ReplyDeleteबहुत खूब मुकेश जी | अच्छी कहानी हर समय प्रेरणा देती है | आपने कहानी पर जो चिंतन किया बढिया है | लिखते रहिये |
ReplyDeleteहर समय आपके मार्गदर्शन का अभिलाषी।
ReplyDeleteसधन्यवाद
🙏🏻🙏🏻💐💐
वाह! बहुत ही प्रेरणादायक प॑क्तियां लिखी हैं आपने...👌👍
ReplyDelete