Friday, July 10, 2020

हाइकू कविता 1






उठो मानव
 
 अब भोर हुई है 
रात चांदनी

   गुन गुनाओ 
   शीतल उपवन में 
  नृत्य करो ये

  खो जाओ अब 
सागर लहरों में 
जैसे नदिया

  तब पाओगे 
अंतर में ईश्वर
 एक तुम्हीं हो


10 comments:

  1. सत्य अंतर्मन जागृत होगा तो ईश्वर मिलेगा
    बहुत खूब

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  2. बहुत सुंदर रचना खुशी ही ईश्वर की अनुभूति है ।
    धन्यवाद 🙏🌹

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  3. सुन्दर अभिव्यक्ति

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  4. बेहतरीन रचना ।

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हाइकू कविता 1

उठो मानव