"जब मान लिया मन में"
जब मान लिया मन में
जब ठान लिया मन में
विश्वास किया मन से
सब पा लिया पल में
जो भी चाहा मन में
वो सब पाया पल में
जब मान लिया मन में
जब ठान लिया मन में
तब सृजन हुआ मन में
साकार हुआ पल में
तब भोर हुआ जग में
प्रकाश हुआ नभ में
जब मान लिया मन में
जब ठान लिया मन में
तब प्रेम हुआ सब से
करुणा आई दिल में
नम हृदय हुआ पल में
उसे देख लिया सब में
जब मान लिया मन में
जब ठान लिया मन में
जब मैं मिटा दिल से
तब प्रेम हुआ सब से
रस धार बही दिल में
उसे देख लिया सब में
जब मान लिया मन में
जब ठान लिया मन में
मन - अंतर्मन
मैं - अहमं
वाह!!!
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर....।
जब मैं मिटा दिल से
तब प्रेम हुआ सब से
रस धार बही दिल में
उसे देख लिया सब
ये मैं(अहंकार) मिटते ही प्रेम रसधार बहने से सब सम्भव हो जाता है।
सधन्यवाद ...।
Deleteतब प्रेम हुआ सब से
ReplyDeleteकरुणा आई दिल में
नम हृदय हुआ पल में
उसे देख लिया सब में
बहुत खूब.,बेहतरीन अभिव्यक्ति
मेरे नए ब्लॉग पर स्वागत हैं आपका
https://kaminisinha.blogspot.com/
आपके नए ब्लॉग पर हम आपके सहयात्री रहेंगे .......💐💐💐
Deleteनम हृदय हुआ पल में
ReplyDeleteउसे देख लिया सब में
बहुत सुंदर अभिव्क्ति मन को छू गई पंक्तियां 🙏🌷
आपका धन्यवाद .....💐💐
Deleteजी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शनिवार(१६-०५-२०२०) को 'विडंबना' (चर्चा अंक-३७०३) पर भी होगी
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का
महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
**
अनीता सैनी
अनीता जी,
Deleteएक नई सोच पर आपका स्वागत है, मेंरे द्वारा लिखे इस लेख को आपने पढ़ा उसके लिए धन्यवाद और "चर्चा मंच" पर इस लेख को चर्चा के लिए चुना जिसके लिए मैं आपका आभारी रहूँगा। एक बार फिर से आपका बहुत बहुत धन्यवाद ....💐💐💐
सुन्दर
ReplyDeleteधन्यवाद सर ... 💐💐
Deleteओमकार जी,
ReplyDeleteएक नई सोच पर आपका स्वागत है ...💐💐
बहुत खूब.,बेहतरीन अभिव्यक्ति
ReplyDeleteब्लॉग पर स्वागत हैं
https://sanjaybhaskar.blogspot.com/
धन्यवाद ... 💐💐
ReplyDeleteबहुत बढ़िया पंक्तियां।👌👌👍😊
ReplyDeleteबहुत बढ़िया पंक्तियां।👌👌👍😊
ReplyDeleteNice message
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