Saturday, May 16, 2020

तुझको चलना होगा ...





कभी कभी
गीत और संगीत सुनकर भी शब्दों और धुन में खो जाना हो जाता है, और उनपर विचार करना हमारी सोच में परिवर्तन ले आता है। अक्सर यह देखा गया है कि शब्दों में इतनी ताकत होती है कि वह हमें सकारात्मकता से भर देते है और हमसे वह कार्य हो जाते है, जिनपर बाद में खुद को ही यकीन करना मुश्किल हो जाता है। हमारी सकारात्मकता में गीतों का भी उतना ही योगदान है जितना लेखों, कविताओं, पुस्तकों, पत्रिकाओं ... आदि का है।

      आज युहीं विचारोगीत में खो जाना हुआ और एक गीत पढ़ा गया "नदिया चले, चले रे धारा। चंदा चले, चले रे तारा। तुझको चलना होगा - तुझको चलना होगा।"। यह गीत वास्तव में मुझे बहुत ही पसंद है। यह सच ही तो है, हमें हर समय चलते ही रहना है रुकने का कोई काम नही। तो चलते चलते यह सोचा कि क्यों न अपने इस ब्लॉग एक नई सोच पर लेखन के साथ साथ गीतों को भी शामिल किया जाए। आप सभी के लिए विचारों के साथ साथ गीतों की सहायता से भी नई सोच लाने के लिए प्रयासरत रहूँ।

तो आज से इस भाग (विचारोगीत) में उन गीतों की गीतमाला की प्रस्तुति की जाए जिसे सुन और पढ़कर एक नए उत्साह और उमंग का शंखनाद हो, यह मेरा प्रयास रहेगा और इस प्रयास की पहल आप सभी के साथ आज के उसी गीत से करते है जो गीत आज मुझसे पढ़ा गया - तुझको चलना होगा।


Movie/Album: सफ़र (1970)
Music By: कल्याणजी-आनंदजी
Lyrics By: इन्दीवर
Performed By: मन्ना डे

नदिया चले, चले रे धारा
चंदा चले, चले रे तारा
तुझको चलना होगा
तुझको चलना होगा

जीवन कहीं भी ठहरता नहीं है
आँधी से, तूफाँ से डरता नहीं है
तू ना चलेगा, तो चल देंगी राहें
मंज़िल को तरसेंगी तेरी निगाहें
तुझको चलना होगा...

पार हुआ वो रहा जो सफ़र में
जो भी रुका, घिर गया वो भँवर में
नाव तो क्या, बह जाये किनारा
बड़ी ही तेज़ समय की है धारा
तुझको चलना होगा...

वीडियो : -



*** सकारात्मकता और शब्दों की ताकत के लिए अन्य लेख भी पढ़े ***

  1. सोच का सकारात्मक पहलू

  2. शब्दों का जादू

इस विचारोगीत की पहल के लिए, आप सभी के सुझाव प्रेषित है आप लिखकर अवश्य बतायें कि आपको मेरी यह पहल कैसी लगी, मेरे पथ प्रदर्शक बनकर मेरा मार्ग दर्शन अवश्य करें। 

चित्र साभार गूगल
वीडियो साभार यूट्यूब

सधन्यवाद ..... 💐💐



19 comments:

  1. बहुत सुंदर गीत है मन को बहुत अच्छा लगा ।
    गीतमाला बनी रहे इससे उत्साह बढ़ता है ।
    नई प्रस्तुति के लिए साभार धन्यवाद 🙏🙏

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    1. जी नीना जी,

      एक नई सोच पर आपके लिए नई नई अभिव्यक्तियाँ जारी रहेगी और युहीं आपका साथ बरकरार रहे।

      सधन्यवाद ... 💐💐

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  2. Aisa kyu lagta he sir .aapki pasand meri pasand ek hi he ..happy thoughts sir sri ne aapka sath dilaya.

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  3. Nice sir keep it up..naye lekh ko sanjha karne ke liye. Virender kr.

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  4. एक नई सोच पर आपका स्वागत है ...💐💐

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  5. जी नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार (04 मई 2020) को 'गरमी में जीना हुआ मुहाल' (चर्चा अंक 3705) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    *****
    रवीन्द्र सिंह यादव

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    1. रविन्द्र जी,

      एक नई सोच पर आपका स्वागत है, मेंरे द्वारा लिखे इस लेख को आपने पढ़ा उसके लिए धन्यवाद और "चर्चा मंच" पर इस लेख की प्रविष्टि के लिए मैं आपका आभारी रहूँगा। मैं आगे भी आपके द्वारा मार्गदर्शन की आशा करता हूँ, जिससे मुझे आगे भी लेखन के लिए प्रोत्साहन मिलता रहे, एक बार फिर से आपका बहुत बहुत धन्यवाद ....💐💐💐

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    2. संशोधन-
      आमंत्रण की सूचना में पिछले सोमवार की तारीख़ उल्लेखित है। कृपया ध्यान रहे यह सूचना आज यानी 18 मई 2020 के लिए है।
      असुविधा के लिए खेद है।
      -रवीन्द्र सिंह यादव

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  6. बहुत सुन्दर

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  7. समय संग क़दम बढ़ाने का आग्रह करता सार्थक सृजन आदरणीय सर.
    उत्कृष्ट सृजन.
    सादर

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  8. धन्यवाद अनिता जी .... 💐💐

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  9. आपकी सकारात्मक सोच बहुत ही प्रोत्साहित करती है सबको। आगे भी ऐसे ही लिखते रहिए और हमारा मार्गदर्शन करते हुए आगे बढ़ते रहिए।👍👍

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद दिदी जी 💐💐

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  10. Sabko chalna hoga
    Sabko chalna hoga
    👌👌👌🙏

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  11. Very positively thinking giving song.par hua jo chala safar may

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